हनुमान जी को सिंदूर क्यों लगाया जाता है।
मंगलवार व्रत।
एक बार मंगलवार के दिन माता सीता सिंदूर लगा रही थी उस समय पवन पुत्र हनुमान माता के समीप आए और उन्होंने देखा की माता क्या लगा रही है उन्होंने सीता माता से पूछा कि मैया आप यह क्या लगा रहे हो तब माता सीता ने कहा कि हे पवन पुत्र यह सिंदूर है। हनुमान जी ने पूछा कि माता सिंदूर से क्या होता है तब माता सीता ने कहा कि सिंदूर लगाने से मेरे स्वामी बहुत प्रसन्न होते हैं और मेरे स्वामी की दीर्घायु होती है।
माता सीता की यह बात सुनकर हनुमान जी ने अपने सारे शरीर पर सिंदूर का लेप लगा लिया यह सोचकर कि भगवान श्री राम उन्हें देखकर बहुत प्रसन्न होंगे और वे दीर्घायु होगे यह सोच कर वे राज्यसभा में गए उनके सारे शरीर पर सिंदूर लगा देख सारे मंत्रिमंडल हंसने लगा परंतु श्री रामचंद्र जी हनुमान को देख प्रसन्न हुए और उनसे पूछा की हनुमान आपने पूरे शरीर पर सिंदूर क्यों लगाया है तब हनुमान जी ने बताया कि मुझे माता सीता ने कहा कि सिंदूर लगाने से स्वामी बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी आयु दीर्घ होती है इसीलिए मैंने सोचा कि इतने से सिंदूर से स्वामी की आयु दीर्घ होती है तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से स्वामी कितने प्रसन्न होंगे और उनकी आयु कितनी दीर्घ होगी वे चिरंजीवी हो जाएंगे और अपने भक्तों को यहां से छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे प्रभु अपने भक्तों के साथ ही रहेंगे।
यह देख कर व सुनकर भगवान श्री राम बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने हनुमान जी को कहा कि हे पवन पुत्र जो कोई भी मंगलवार के दिन आपको सिंदूर चढ़ाएंगे या लगाएंगे उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी।
जो भी व्यक्ति सच्चे मन से मंगलवार को हनुमानजी का व्रत करते है उनकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है।
जो भी व्यक्ति सच्चे मन से मंगलवार को हनुमानजी का व्रत करते है उनकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है।